सफ़र की यादें:
आज दिनांक १८.११.२३ को प्रदत्त विषय 'सफ़र की यादें' पर प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति:
सफ़र की यादें:
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बहुत दिनो की बात हो गयी,मसूरी जाना
अपना हुआ,
बेटा गोद मे था हमारा,बेटी,पत्नी का साथ हुआ।
माॅल रोड पर घूम रहे थे बारिश बहुत तेज़ आयी,
हवा चल पड़ी हृदय चीरती, बेटे के लिये थी दुखदायी।
बेटी ने चूनर उतार अपनी भाई को लपेट लिया उसमे,
लेकिन संतोष न हुआ मुझको ,एक रोएं दार तौलिया ले लपेटा उसमे
तौलिया मे लपेटा जब बेटे को तब मुझको संतोष हुआ,
बहुत ढ़ूंढ़ा तब जा कर एक शाकाहारी भोजनालय से सामना हुआ।
राज मां चावल खाये हमने और साथ मे दो रोटी तन्दूरी,
पेट भर गया आये होटल ,नींद भी ली सबने पूरी।
अगली सुबह पकड़ कर बस हम सब थे जम्मू आये ,
देर शाम को ट्रेन पकड़ हम सब आराम से घर आये।
आनन्द कुमार मित्तल,
Gunjan Kamal
22-Nov-2023 06:06 PM
👏🏻👌
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Babita patel
19-Nov-2023 10:05 AM
👍👌
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
19-Nov-2023 08:37 AM
सजीव चित्रण
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